जब चिड़िया चुग गई खेत
आज राम प्रताप और विजय प्रताप दोनों के बेटे घर आ रहे हैं . एक का बेटा जेल से घर आ रहा है तो दूसरे का देश की सेवा करके . विजय प्रताप के लडके का जहाँ सारा गाँव स्वागत कर रहा है वहीं लोग राम प्रताप के बेटे का नाम लेने से भी कतराते हैं . चौपाल में बैठे लोग विजय प्रताप के बेटे के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि यह सब विजय प्रताप के सिखाए अच्छे संस्कारों का परिणाम है .
चौपाल में बैठा राम प्रताप सोच रहा है कि मेरे बच्चों में खोट नहीं , खोट तो मुझमें है . मैंने ही उनको अच्छे संस्कार नहीं दिए .यदि मैंने उन्हें अच्छे संस्कार दिए होते तो आज ये दिन न देखने पड़ते . राम प्रताप पास पड़ी सहारे वाली घूंटी उठाता है और यह कहते हुए घर को चल पड़ता है कि अब पछताए होत क्या , जब चिड़िया चुग गई खेत .
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