मंगलवार, मई 24, 2011

लघु कथा - 8

                         हैसियत वाला भिखारी                    
 प्रभु दयाल मेहता घर में आए मेहमानों के साथ बातें कर रहे था , इतने में भिखारी ने जैसे ही मांगने के लिए आवाज़ लगाई ,वह खड़ा होकर भिखारी को डांटने लगा - " भाग जा ... हट्टा-कट्टा है ,काम धंधा किया कर ."
              प्रभु दयाल बडबडाता हुआ मेहमानों के साथ फिर आ बैठा ." इन लोगों का कोई ईमान-धर्म नहीं , जमीर तो बिलकुल मरा हुआ है  ,मांगने में शर्म महसूस नहीं करते .
' छोडो भी मेहता जी बात आगे करो .'- किशोरी लाल ने चाय का कप मेज पर रखते हुए कहा .
" जी , हमारी हैसियत और लडके की काबिलियत देखते हुए आप कम थोड़े ही करेंगे .कम-से-कम बीस तोले सोना और बीस लाख नगद के अतिरिक्त लडके की पसंद सफारी कार है .इतना ही विशेष है ,बाकि जरूरत का सामान तो आप देंगे ही "- प्रभु दयाल ने बात स्पष्ट की .
          किशोरी लाल सोच में पड़ गया .इस भिखारी और उस भिखारी में कितना अंतर है .वह गरीब भिखारी था और यह हैसियत वाला भिखारी है .

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मंगलवार, मई 10, 2011

लघु कथा - 7

                      कदम                                    
रमेश को रास्ते में एक शराबी गंदी नाली में लेटा हुआ मिला ,जो बेसुध था . उसी समय एक कुत्ता आया . उसने पहले शराबी को सूँघा और फिर उसका मुंह चाटकर चला गया .
" छि-छि कितना गंदा "-रमेश ने रेहड़ी वाले से मुखातिब होते हुए कहा .
रेहड़ी वाला बोला -'भई! आपको लगता होगा गंदा ,वह तो स्वर्ग में घूम रहा है .'
रमेश ने मन-ही-मन कहा -" ऐसे स्वर्ग से तो अच्छा है कि आदमी ..."
इस दृश्य को देखकर रमेश के कदम वापिस घर की तरफ मुड़ गए जो शराब के ठेके की तरफ जा रहे थे .

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